दोस्त रूठ जाते हें मुझसे और मुझे मनाना नही आता.........
मैं चाहता हू क्या
मुझे जताना नही आता
आंसू को पीना पुरानी आदत है
मुझे आंसू बहाना नहीं आता
दोस्त कहते हें मेरा "DIL" है पत्थर का
इसलिय इसको पिघलना नहीं आता
अब क्या कहूं मैं
क्या आता है, क्या नहीं आता
बस मुझे मौसम की तरह बदल जाना नही आता...!!!!!
मैं चाहता हू क्या
मुझे जताना नही आता
आंसू को पीना पुरानी आदत है
मुझे आंसू बहाना नहीं आता
दोस्त कहते हें मेरा "DIL" है पत्थर का
इसलिय इसको पिघलना नहीं आता
अब क्या कहूं मैं
क्या आता है, क्या नहीं आता
बस मुझे मौसम की तरह बदल जाना नही आता...!!!!!